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23 Jul 2024 · 1 min read

बड़े अजब हालात हैं ख्वाहिशों के बाजार के ।

बड़े अजब हालात हैं ख्वाहिशों के बाजार के ।

एक नीलाम होती है और दूसरी बिकने आ जाती है ।।
न जाने क्यूँ हर खता माफ़ होती है उसकी।

शायद उसेअदाकारी से काम करने की कला आती है।।

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