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25 May 2024 · 1 min read

अनकहा रिश्ता (कविता)

अनकहा रिश्ता

काश तुम समझ पाते
मेरे रिश्ते की गहराई को
मेरे दिल मे तेरी जगह को
मेरे उसे आत्मिक प्यार को
मेरे उस अपनत्व के भाव को
मेरे उस ममता के लगाव को
मेरे जीवन में तेरी कमी को
मेरी धड़कन में तेरी नमी को
मेरी चाहत में तेरी बंदगी को
मेरी हर आहट में तेरी इबादत को मेरी आंखों में तेरी प्यास को
मेरे जीवन में तेरी आस को
काश तुम समझ पाते
इस रिश्ते की गहराई को
इस अनकहे रिश्ते की सच्चाई को

5 Likes · 4 Comments · 146 Views

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