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20 Jul 2019 · 1 min read

मुक्तक

ख़तरा है खूँखारों को चोरों को मक्कारों को,
ख़तरा है दरबारों को शाहों के ग़मख़ारों को,
हिन्दुस्तान को नहीं है खतरा जनता जान गई
खतरा है गद्दारों को मगरिब के बाज़ारों को,

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