स्वतंत्रता/आजादी
आजादी का बिगुल बजाकर,
दे दी अपनी जान रे,
तब जाकर के मिली है हमको,
स्वतंत्रता की शान रे।
मेरे प्यारे वतन के वीरों,
से है देश की शान रे,
सीमाएं भी राखी बाँधे,
माने भातृ महान रे।
सूर्य नमन करता है उनको,
जिनके रगों में जान रे।
देश से बढ़कर नहीं समझते,
जो अपना भी प्रान रे।
अपना वतन आजादी प्यारी,
तिरंगा उनकी पहचान रे।
स्वतंत्रता हेतू कर देते,
न्योछवर धन धान्य रे।
सावन बन झूमें है वतन,
बदरा ने बड़ा दी शान रे।
और उसपर भोले की कृपा,
बढ़ाती देश की मान रे।
अमर रहे यह देश हमारा,
अमर रहें जवान रे।
हमको है आजादी प्यारी,
वतन है हिन्दुस्तान रे।
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अशोक शर्मा,कुशीनगर,उ.प्र.
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