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22 May 2024 · 1 min read

चार दिन की जिंदगानी है यारों,

चार दिन की जिंदगानी है यारों,
जीवन को सजा संवारकर रखना।
अनामिका तिवारी “अन्नपूर्णा “✍️✍️✍️

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