Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2016 · 1 min read

“स्मृति”

वासन्ती पुष्पों ने फिर से,
लायी भीनी -भीनी सी सुगंध,
अमवा की डाली से होकर ,
पुरवा का झोंका मंद-मंद,
सखी लो फिर से आया,
ऋतु मृदु मधु वसंत,
दूर कहीं पर छूट गयीं,
बचपन की सखियाँ,
अब तो अच्छी लगती,
पीहर की गलियाँ,
स्मृति के झुरमुट से,
झांका फिर कोई चेहरा ,
धुंधलाया सा ,मुस्काता सा,
झूम उठा आतुर मन मेरा,
कौन कहेगा कौन सुनेगा,
अब तो सब कुछ छूट गया,
ममता की छाँव नहीं अब ,
ना बाबुल की बतिया,
रह -रह कर मन रोता है ,
फिर भी हँसती रहती हूँ ,
बच्चों की किलकारी में ,
सपनों की दुनिया बुनती हूँ ||

…निधि…

Language: Hindi
408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चोर कौन
चोर कौन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
The Saga Of That Unforgettable Pain
The Saga Of That Unforgettable Pain
Manisha Manjari
बहुत दिनों के बाद उनसे मुलाकात हुई।
बहुत दिनों के बाद उनसे मुलाकात हुई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
भूला नहीं हूँ मैं अभी भी
भूला नहीं हूँ मैं अभी भी
gurudeenverma198
मैं
मैं
Seema gupta,Alwar
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
'स्वागत प्रिये..!'
'स्वागत प्रिये..!'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सुनो मोहतरमा..!!
सुनो मोहतरमा..!!
Surya Barman
बाल कविता : काले बादल
बाल कविता : काले बादल
Rajesh Kumar Arjun
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
इंसानियत
इंसानियत
साहित्य गौरव
The Hard Problem of Law
The Hard Problem of Law
AJAY AMITABH SUMAN
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तुम बिन जीना सीख लिया
तुम बिन जीना सीख लिया
Arti Bhadauria
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
.
.
शेखर सिंह
Moti ki bhi ajib kahani se , jisne bnaya isko uska koi mole
Moti ki bhi ajib kahani se , jisne bnaya isko uska koi mole
Sakshi Tripathi
किसान
किसान
Dp Gangwar
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
Buddha Prakash
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
श्री सुंदरलाल सिंघानिया ने सुनाया नवाब कल्बे अली खान के आध्यात्मिक व्यक्तित्व क
श्री सुंदरलाल सिंघानिया ने सुनाया नवाब कल्बे अली खान के आध्यात्मिक व्यक्तित्व क
Ravi Prakash
"I’m now where I only want to associate myself with grown p
पूर्वार्थ
इंसान भी तेरा है
इंसान भी तेरा है
Dr fauzia Naseem shad
2670.*पूर्णिका*
2670.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
कवि दीपक बवेजा
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
नए मुहावरे का चाँद
नए मुहावरे का चाँद
Dr MusafiR BaithA
Loading...