भूला नहीं हूँ मैं अभी भी
नहीं भूला हूँ मैं अभी भी, याद सब कुछ है मुझको।
जो वफ़ा तुझसे की थी, जो यकीन दिलाया था तुझको।।
नहीं भूला हूँ मैं अभी भी——————।।
अभी भी नहीं क्या समझी तू ,मेरे आने का मकसद।
क्या मैं कहना चाहता हूँ , मुझको नहीं है क्या पसंद।।
नहीं देखना चाहता हूँ मैं, रोते हुए कभी तुझको।
नहीं भूला हूँ मैं अभी भी——————-।।
तू कभी भी मत समझना, खुद को अकेला बेसहारा।
हरवक्त साथ हूँ मैं तुम्हारे, मेरा सब कुछ है तुम्हारा।।
वही इज्जत तुम्हारी है, नहीं होगा कष्ट कोई तुझको।
नहीं भूला हूँ मैं अभी भी—————–।।
तुम खुशी हो मेरे दिल की, तुम ख्वाब हो जिंदगी का।
तुम्ही से हस्ती है मेरी, तुम अरमान हो मेरी बंदगी का।।
सच्ची मोहब्बत है तुझसे, बर्बाद नहीं होने दूंगा तुझको।
नहीं भूला हूँ मैं अभी भी ———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)