*कुछ रंग लगाओ जी, हमारे घर भी आओ जी (गीत)*
मेरी ख़्वाहिश वफ़ा सुन ले,
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…