जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
Are you strong enough to cry?
भाई लोग व्यसन की चीज़ों की
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
चन्द्रयान..…......... चन्द्रमा पर तिरंगा
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
💐प्रेम कौतुक-442💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
-- लगन --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ख़ामोशी से बातें करते है ।
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
आंखों में नींद आती नही मुझको आजकल