Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2024 · 1 min read

सावन तब आया

सावन तब आया–

सावन आया जब मन मे हो खुशहाली
बाग बगीचे रहे सलामत झूलों की हो डाली ।।

सबके सर छत छप्पर सावन
बाढ़ कहर से घर ना उजड़े जन ना बिछड़े ना बने कोई सवाली।।

एक दूजे का सुख दुख मिलकर बांटे प्यार परिवार समाज में भेद भाव ना द्वेष कलह ना कोई बदहाली।।

सावन की बदरी और बारिष मुस्कान शिव शंकर की महिमा गान ॐ नमः शिवायः भोले भंडारी औघड़ दानी वरदानी।।

बृंदावन में गोपी संग राधा झूला
झूले बंशी बजावत कृष्ण मुरारी
अवधपुरी अति पावन जहां राम की किलकारी।।

गांव नगर सावन की फुहार ,पुलकित हृदय सौगात सखियों की कजरी गान बगियन में मकरंद की हलचल कली फूल खिले झूमे सावन की फुलवारी।।

विरह बेदना की बात राग नही
सुहागन पिया संग पिया के देश
सेज सुहाग प्यार पीया का मनोकामना
प्यारी न्यारी।।

सावन की रिम झिम फुहार बूंदे
बरसात मनभावन लागे आश
विश्वाश सावन की बात निराली।।

सूरज चाँद बादल अंचल में सावन इंद्रधनुष के सप्त रंग सावन हरियाली खुशहाली।।

Language: Hindi
1 Like · 72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
ज़िंदगी को किस अंदाज़ में देखूॅं,
ज़िंदगी को किस अंदाज़ में देखूॅं,
Ajit Kumar "Karn"
"" *आओ बनें प्रज्ञावान* ""
सुनीलानंद महंत
त्याग
त्याग
Punam Pande
नारीत्व
नारीत्व
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
अरमान
अरमान
Kanchan Khanna
उसके कहने पे दावा लिया करता था
उसके कहने पे दावा लिया करता था
Keshav kishor Kumar
महफ़िल में ये निगाहें
महफ़िल में ये निगाहें
gurudeenverma198
"सरकस"
Dr. Kishan tandon kranti
खाक में मिल जाएगा ये मिट्टी का बदन तेरा.......
खाक में मिल जाएगा ये मिट्टी का बदन तेरा.......
shabina. Naaz
चांदनी रातों में
चांदनी रातों में
Surinder blackpen
धन, दौलत, यशगान में, समझा जिसे अमीर।
धन, दौलत, यशगान में, समझा जिसे अमीर।
Suryakant Dwivedi
वहाॅं कभी मत जाईये
वहाॅं कभी मत जाईये
Paras Nath Jha
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
लड़के हमेशा खड़े रहे
लड़के हमेशा खड़े रहे
पूर्वार्थ
हमारी जुदाई मानो
हमारी जुदाई मानो
हिमांशु Kulshrestha
सियासत में आकर।
सियासत में आकर।
Taj Mohammad
.
.
*प्रणय*
एक दिन सब ही खाते थे आम आदमी।
एक दिन सब ही खाते थे आम आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
वासुदेव
वासुदेव
Bodhisatva kastooriya
#शीर्षक- नर से नारायण |
#शीर्षक- नर से नारायण |
Pratibha Pandey
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जंग अहम की
जंग अहम की
Mamta Singh Devaa
4172.💐 *पूर्णिका* 💐
4172.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
* खूब कीजिए प्यार *
* खूब कीजिए प्यार *
surenderpal vaidya
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
*यों खुली हुई ऑंखों से तो, जग ही दिखलाई देता है (राधेश्यामी
*यों खुली हुई ऑंखों से तो, जग ही दिखलाई देता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
बिछड़कर मुझे
बिछड़कर मुझे
Dr fauzia Naseem shad
Loading...