Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
15 Followers
Follow
Report this post
1 Oct 2023 · 1 min read
साथ
साथ तब तक जंचता है,
स्वार्थ जब तक सधता है।
– लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’
Tag:
Quotation
,
Quote Writer
Like
Share
182 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
4050.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*हरेली तिहार मनाबो जी*
Dushyant Kumar Patel
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
परिणाम से डरो नहीं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
पीले पात
आशा शैली
गरबा नृत्य का सांस्कृतिक अवमुल्यन :जिम्मेवार कौन?
मनोज कर्ण
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
२९०८/२०२३
कार्तिक नितिन शर्मा
बाबुल
Neeraj Agarwal
"उन्हें भी हक़ है जीने का"
Dr. Kishan tandon kranti
पत्थर
Arun Prasad
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
Rj Anand Prajapati
ऐसे कैसे हिन्दू हैं
ललकार भारद्वाज
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
Sonam Puneet Dubey
है हुस्न का सौदागर...
आकाश महेशपुरी
निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है,
डी. के. निवातिया
सपनों को सजाना क्या
अमित कुमार
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
जीवन को आसानी से जीना है तो
Rekha khichi
एक दीया जलाया मैंने
Dheerja Sharma
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
SATPAL CHAUHAN
*जीवन का सार यही जानो, कल एक अधूरा सपना है (राधेश्यामी छंद )
Ravi Prakash
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
Manisha Manjari
दुख तब नहीं लगता
Harminder Kaur
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
Nitesh Chauhan
स्त्री
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
उधड़ता दिखते ही तुरंत सिलवा लीजिए। फिर चाहे वो जूता हो, कपड़ा
*प्रणय*
खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बना
पूर्वार्थ
कितना अच्छा था बचपन
shabina. Naaz
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
gurudeenverma198
Loading...