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28 Feb 2024 · 1 min read

सरगम

संगीत के षड्ज से निषाद तक के सात स्वरों का समूह है- ‘सरगम’। लेकिन मैं बात कर रहा हूँ सन् 1979 में रिलीज हुई फ़िल्म ‘सरगम’ की, जिसके लेखक और निर्देशक थे- के. विश्वनाथ। आनन्द बख्शी के लिखे और लक्ष्मी-प्यारे के संगीत की धुन में सजे सभी सातों गीत बेहद सुपरहिट हुए थे।

मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर की आवाज में- ‘डफली वाले डफली बजा’ गीत ने लोकप्रियता के सारे कीर्तिमान तोड़ दिए थे। यह गीत अमीन सयानी द्वारा प्रस्तुत ‘बिनाका गीतमाला’ की सन् 1980 की सूची में शीर्ष पर था।

जनवरी 1981 में मस्तूरी-किरारी के माघी मेले में सरगम फ़िल्म ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। मेले में दो टॉकीज रहने पर भी सिनेमा प्रेमियों का हुजूम ‘सरगम’ फ़िल्म देखने के लिए इस कदर उमड़ा कि टॉकीज के मैनेजर को टटरे और पर्दे तक हटाना पड़ गया। उस वर्ष कुटीघाट, शिवरीनारायण, मल्हार इत्यादि सभी मेलों में इस फ़िल्म की धूम रही।

‘सरगम’ फ़िल्म में मोहम्मद रफी साहब की आवाज में लगभग 5 मिनट के हृदयस्पर्शी गीत है-
हम तो चले परदेश हम परदेशी हो गए,
छूटा अपना देश हम परदेशी हो गए ।

पता नहीं इस गीत में क्या है कि सैकड़ों बार सुनने पर भी मन में रंचमात्र भी ऊब पैदा नहीं होती। सच में कुछ चीजें व्याख्या-विहीन होती हैं।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
टैलेंट आइकॉन- 2022

Language: Hindi
7 Likes · 3 Comments · 55 Views
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