सब के सब, भये भये है, हरजाई l
सब के सब, भये भये है, हरजाई l
ओ रे बेवफाई, तेरी वफाई ll
तेरे साथ रहेगी, सदा वफाई l
ओ री किस्मत, जो दी सकल जुदाई ll
मैं भया भया, सहज सकल हरजाई l
दुःख दर्द, दे दे रहे है दुहाई ll
दिन रैन न चैन, सकल कर्म बेचैन l
सहज कर रहे, कमीयों की कमाई ll
ना नजरें, ना जुबान, ना पहचान l
हंसे हंसे. रुक रुक कर, रुसवाई ll
पापी पापी पंख पंख पा पा कर l
प्यास करें है, हर एक को पराई ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न