बस इतना ही सफ़र तय करना है तुम्हारे साथ,
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चौखट पर जलता दिया और यामिनी, अपलक निहार रहे हैं
#हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले।
ज़िन्दगी में कभी कोई रुह तक आप के पहुँच गया हो तो
लोन के लिए इतने फोन आते है
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
भगवन तेरे भारत में ये, कैसी विपदा आई है....!
किणनै कहूं माने कुण, अंतर मन री वात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*मित्र हमारा है व्यापारी (बाल कविता)*
Activities for Environmental Protection
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी