सफलता
सफलता वो फूल है
जिसका बीज बाजार में नहीं मिलता
मगर खिल सकता है रेगिस्तान में
मेहनत का जज्बा भरा हो जिसकी रगों में
वो बिना पंख भी उड़ सकता है
खुले आसमान में ।
चाँद तारों को छूने की ख्वाहिश
ना छोड़ना तुम
मगर कभी खुद चमक उठना
इक तारा बन इस जहान में
मुकद्दर भी साथ देता है
उस इन्सान का
हो कूट के भरी मेहनत और ईमानदारी
जिस इंसान में ।
तुम चमक से अपनी
दूजो को भी करना रोशन
तुम जैसे लाखों खिले
हर खेत और खलिहान में ।
फिरोज कुमार ” रोज़ “