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15 Feb 2024 · 1 min read

सफलता की चमक

सूरज सा चमकोगे तो
अंधेरे से लड़ना सिख जाओगे,
अंधेरा कितना ही गहरा हो,
तुम चलना सिख जाओगे,
दुःख और पीड़ा कितनी ही हो,
तुम सहना सिख जाओगे,
धीरे धीरे एक दिन तुम भी
कठिनाइयों में पलना सिख जाओगे,
जैसे कमल कीचड़ में ही खिलता,
तुम भी एक रोज कीचड़ मलना सिख जाओगे,
समंदर में कितने ही उफान क्यू ना हो,
धीरे धीरे उन पर शिकंजा कसना सिख जाओगे,
बस खामोशी से अपने काम करते रहो,
एक रोज सफलता से चमकना सिख जाओगे।

राजेंद्र कुमार
@razzz_shiva

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