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10 Feb 2023 · 1 min read

ठोकरें खाये हैं जितना

ठोकरें खाये हैं जितना उतने मुस्कुराये हैं
अश्कों के लाख मोती इन पलकों में छिपाये हैं

हालातों के समंदर मे कभी जो ये दिल डूबा
बड़ी जिंदादिली से खामोश होठोँ ने गुनगुनाये हैं

हादसों की भीड़ तो हर जिंदगी के साथ है
हैं वो बुजदिल हादसों के आगे जो सर झुकाये हैं

M.Tiwari”Ayan”

Language: Hindi
1 Like · 178 Views
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