Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2024 · 1 min read

सपनों का अन्त

सपनों का अन्त
महज
एक घटना नहीं,
मौत होना है
जीवन का
दुनिया के गतित्व से,
विलुप्त होना है
हरियाली का
जंगलों के अस्तित्व से,
बेदखल होना है
वाहनों का
मार्गों के जड़त्व से,
वंचित होना है
बचपन का
माँ के ममत्व से।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
सुदीर्घ साहित्य सेवा के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 111 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
जहाँ करुणा दया प्रेम
जहाँ करुणा दया प्रेम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फसल
फसल
Bodhisatva kastooriya
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
खुद के होते हुए भी
खुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
*अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग (कुंडलिया)*
*अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खुबिया जानकर चाहना आकर्षण है.
खुबिया जानकर चाहना आकर्षण है.
शेखर सिंह
विरह की वेदना
विरह की वेदना
surenderpal vaidya
पिता
पिता
Swami Ganganiya
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
श्री राम का जीवन– गीत
श्री राम का जीवन– गीत
Abhishek Soni
Shiftme movers and packers in hadapsar
Shiftme movers and packers in hadapsar
Shiftme
संगीत
संगीत
Neeraj Agarwal
नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
..
..
*प्रणय प्रभात*
चम-चम चमके चाँदनी
चम-चम चमके चाँदनी
Vedha Singh
चलती  है  जिन्दगी  क्या ,  सांस , आवाज़  दोनों ,
चलती है जिन्दगी क्या , सांस , आवाज़ दोनों ,
Neelofar Khan
झरोखों से झांकती ज़िंदगी
झरोखों से झांकती ज़िंदगी
Rachana
मिथक से ए आई तक
मिथक से ए आई तक
Shashi Mahajan
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
कहा किसी ने
कहा किसी ने
Surinder blackpen
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-168दिनांक-15-6-2024 के दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-168दिनांक-15-6-2024 के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
Ranjeet kumar patre
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
ruby kumari
2591.पूर्णिका
2591.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
आप किसी के बुरे बर्ताव से दुखी है तो इसका मतलब वो लोगो का शो
आप किसी के बुरे बर्ताव से दुखी है तो इसका मतलब वो लोगो का शो
Rj Anand Prajapati
लघुकथा - एक रुपया
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
Loading...