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26 Mar 2024 · 1 min read

सपनों का अन्त

सपनों का अन्त
महज
एक घटना नहीं,
मौत होना है
जीवन का
दुनिया के गतित्व से,
विलुप्त होना है
हरियाली का
जंगलों के अस्तित्व से,
बेदखल होना है
वाहनों का
मार्गों के जड़त्व से,
वंचित होना है
बचपन का
माँ के ममत्व से।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
सुदीर्घ साहित्य सेवा के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 139 Views
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