Dr Arun Kumar shastri
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Dr Arun Kumar shastri
अगर मैं औरों की कमियाँ अवगुण बुराइयां मन में रखता या देखता रहता हूँ तो वे शीघ्र ही अर्थात कुछ अन्तराल पर मेरी बन जायेंगी, इसके विपरीत यदि उनकी प्रतिभाएं खूबियां या गुण अपने मन या बुद्धि में रखता या देखता रहता हूं तो वो शीघ्र ही मेरे से वैचारिक सामंजस्य स्थापित कर मेरी आदत बन जाएंगी । अर्थात ये अच्छा या बुरा बन जाना मेरी अपनी पसन्द होगी।