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29 Nov 2017 · 1 min read

सदा अध्यात्म की ओर रह अग्रसर !

सुलाने वाले प्रबल हैं !
जगाने वाला सबल है !
जागरण की जरूरत है !
क्षणिक सुख में मत डूब !
.
परमसुख परमानंद तेरी जरूरत है !
सचिदानंद तेरा स्वरूप !
परमहिताय परमसुखाय कर्त्तव्य !
निज-स्वरुप तेरा अधिकार !
.
अब तू जाने !
चाहे लटक !
चाहे भटक !
चाहे लगा अटकलें !
.
यही स्वार्थ !
निज कर्म !
पहचान स्वधर्म !
कर बंदे तू स्वकर्म !
सतत अध्यात्म की ओर !
अग्रसर होता चल !
होता चल !
रह अटल !
हो अचल !
@mahender2872
@DrMahenderSingh7

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 202 Views
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