Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

आत्मा परमात्मा मिलन

आत्मा यूं मिलने चली परमात्मा से,
आत्म मिलन हुआ परमात्मा से तो,
रोता है तू क्यों बंदे
तेरे मिलने पर तो वो खुश रहा
न तुझसे शिकवा कि न ही शिकायत
तेरे मिलने को प्रेम दिया गया,
उसके मिलने को अंत क्यों?

तू कितना स्वार्थी है……
अपने पे आई तो याद आई
दूसरो को भूल गया
खुद अपने मिलन से सुख है दूसरे से दुख
समझ तुझे भी आयेगा जब,
हटेगा तेरे चेहरे पर पड़ा ये मोह
दिल मे बसा अपनेपन का ढोंग
कम से कम अब तो खुश हो जा तेरे जैसे का मिलन नही।

हां तू भी रोता होगा जब तुझे तेरा नही मिलता..
..बिछड़ा परमात्मा आत्मा से भी
जनता तो सबकुछ है तेरे चार दिन रो लेने से
गया वापस आ जायेगा।

आज मिलन हो जाने दे
नाच, बजा मजीरा ढोलक
कर खुशी-खुशी विदा उसको
तेरे रोने से गया वापस आएगा नही
जाने वाले को जाने दे
रोक मत जाने से।

Language: Hindi
1 Like · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकृति और मानव
प्रकृति और मानव
Kumud Srivastava
संस्कार संस्कृति सभ्यता
संस्कार संस्कृति सभ्यता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
gurudeenverma198
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
जी हां मजदूर हूं
जी हां मजदूर हूं
Anamika Tiwari 'annpurna '
23/30.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/30.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Know your place in people's lives and act accordingly.
Know your place in people's lives and act accordingly.
पूर्वार्थ
"पशु-पक्षियों की बोली"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच
कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच
Ram Krishan Rastogi
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बात बनती हो जहाँ,  बात बनाए रखिए ।
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
Rajesh Tiwari
सुर्खियों का एडिक्ट
सुर्खियों का एडिक्ट
Awadhesh Singh
**सिकुड्ता व्यक्तित्त्व**
**सिकुड्ता व्यक्तित्त्व**
DR ARUN KUMAR SHASTRI
!! रक्षाबंधन का अभिनंदन!!
!! रक्षाबंधन का अभिनंदन!!
Chunnu Lal Gupta
तेरी धड़कन मेरे गीत
तेरी धड़कन मेरे गीत
Prakash Chandra
तुझे भूलना इतना आसां नही है
तुझे भूलना इतना आसां नही है
Bhupendra Rawat
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
■ फ़ोकट का एटीट्यूड...!!
■ फ़ोकट का एटीट्यूड...!!
*प्रणय प्रभात*
बुंदेली चौकड़िया-पानी
बुंदेली चौकड़िया-पानी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हमें जीना सिखा रहे थे।
हमें जीना सिखा रहे थे।
Buddha Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
गुरु का महत्व
गुरु का महत्व
Indu Singh
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
Shweta Soni
जीवन चक्र
जीवन चक्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
स्त्री-देह का उत्सव / MUSAFIR BAITHA
स्त्री-देह का उत्सव / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जहर मे भी इतना जहर नही होता है,
जहर मे भी इतना जहर नही होता है,
Ranjeet kumar patre
संस्कृति
संस्कृति
Abhijeet
बलात्कार
बलात्कार
rkchaudhary2012
Loading...