सत्य
सनातन शास्वत सहज सरल
जीवन शैली में बना है विरल
जीवन में प्रकाश फैला कर
आलोकित कर देता पथ सदा ।
जीवन पथ पर एक आशा
अत्यन्त सरल जिसकी भाषा
मानों तो सहज सरल
नहीं तो यह कटु गरल हैं ।
आत्मा का शुद्ध रूप है
नहीं कोई इसके अनुरूप हैं
सत्य अपरिहार्य अनिवार्य
नहीं कोई इसका पर्याय।
स्वर्ण सम कान्ति जिसकी
नहीं झूठ सी भ्रान्ति इसकी
सत्य का रूप विराट
आदि अन्त सब सत्यार्थ।
समय से पहले समय के बाद
भीड़ में एकान्त में सत्य
हर कार्य का प्रमाण है
हर परिणाम का अन्त हैं
सर्व जग में व्याप्त है
बस यही नहीं पर्याप्त हैं
जीवन मरण सब सत्य
मानव इतिहास भी सत्य।
महाभारत का युद्ध सत्य
कुरुक्षेत्र के परिणाम भी
सत्य राधा कृष्ण का प्रेम
सत्य सीता राम का त्याग हैं।
मानों तो सहज सरल है
नहीं तो कटु गरल है
सत्य शिव है सुन्दर है
सत्य सनातन शास्वत हैं।
नेहा