सत्य क्या
कौन हूँ कौन हूँ
आज भी मौन हूँ
बात है काम की
जीव के राज की ।
नाम से काम है
देह तो धाम है
सूक्ष्म से सूक्ष्म जो
आप की जान जो।
बात है आप की
नीच सी ऊँच की
ज्ञात है ज्ञान है
झूठ ही शान है ।
भूल की राह में
कर्म से धर्म में
सत्य की खोज है
मार्ग बे रोक है ।
राजेश कौरव सुमित्र