श्री राम जी की हो रही
श्री राम जी की हो रही
जयकार हर तरफ़।
बिखरा हुआ है प्यार ही बस
प्यार हर तरफ़।
आसन पे आज शान से
बैठेंगे राम जी।
स्वागत को उनके सज रहे
घर द्वार हर तरफ़।
खुशियों के रंगों से रँगे
चहरे सभी के हैं।
दीपावली का मन रहा
त्यौहार हर तरफ़।
धुन एक ही है बज रही
मन के सितार में।
बस राम नाम की ही है
झंकार हर तरफ़।
सब मुश्किलों के भूल गए
दौर ‘अर्चना’।
अब बह रही है प्रेम की
रसधार हर तरफ़।
डॉ अर्चना गुप्ता
22.01.2024