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1 Jun 2024 · 1 min read

“अचरज”

“अचरज”
वाह सुनने के लिए
कुछ लोग हैं मरते,
मगर दर्द पढ़के भी
आह तक नहीं भरते।

2 Likes · 2 Comments · 118 Views
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