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4 Nov 2024 · 1 min read

*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*

आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)
_________________________
आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम
जीभ चटोरी को रहा, रिश्वत से बस काम
रिश्वत से बस काम, न चौकीदारी करते
बिस्कुट देकर चोर, नहीं उनसे अब डरते
कहते रवि कविराय, वफादारी गुण हारा
अब हैं मनुज-समान, भ्रष्ट कुत्ते आवारा
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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