“शाश्वत”
“शाश्वत”
दुनिया में अगर
कोई शाश्वत है
तो सिर्फ अन्तर्विरोध
जिसकी वजह से ही
संसार बदलता है,
रुकता नहीं कभी
वो फिर से चलता है।
“शाश्वत”
दुनिया में अगर
कोई शाश्वत है
तो सिर्फ अन्तर्विरोध
जिसकी वजह से ही
संसार बदलता है,
रुकता नहीं कभी
वो फिर से चलता है।