*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
उसका गोल चांद सा चेहरा, मासूम सी निगाहें।
पाखी मोनालिसा वो मेरी, सपने बहुत सजाएं।
बाबू सोना मोना स्वीटी ब्यूटी क्यूटी,
मेरी आन बान शान जान, मुझे तड़पाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१।।
सादा सा जीवन उसका, मुझसे मैच खाता है।
चेहरे होंगे लाखों मगर, मुझे ना कोई भाता है।
नाइटिंगेल कोयल बुलबुल गुलाब लव हमसफर,
और कितने नाम है उसके, बात कुछ समझ न आती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।२।।
आंखों में आंसू हैं, दिल में गहराई।
पास पास होंगे जल्दी ही, गर अब है तन्हाई।
वो कमजोर नहीं इतनी, विश्वास है मुझे उस पर,
फिर भी मुझसे बात करते हुए, वो बेचैन हो जाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।३।।
अलग सा रिश्ता है उससे, अलग सा व्यवहार।
सभ्य सुशील सुंदर अदब का शिष्टाचार।
चलाएगी वो हमारा घर बहुत अच्छे से,
मुझे विश्वास है, और मेरी छोटी बहन बताती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।४।।
वो मुझे डीपी, मैं उसे पीडी कहता हूं।
वो दुष्यन्त प्रेरणा, मैं प्रेरणा दुष्यन्त कहता हूं।
वो मेरे सपनों की रानी, मैं राजा उसका,
ख्वाबों में आकर मुझे, रोज बताती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।५।।
कभी खुशी थी बहुत हमें, आज गम है।
हम एक दूसरे के हैं, यह क्या कम है।
मैंने चाहा है उसे, मरते दम तक चाहूंगा,
ना मैं उससे ना वो मुझसे, कोई बात छुपाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।६।।
उसे आस है मुझ पर, मुझे विश्वास है उस पर।
गुनाह ना मैंने किया है, इसलिए नाज है मुझ पर।
कोई उसे देखे भी,ये बर्दाश्त नहीं मुझे,
छूने की बात तो बहुत दूर रह जाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।७।।
कोयल सी बोली उसकी, कानों में मिठास भरे।
मेरे लिए जीवन है वो, क्यों न मन विश्वास करें।
प्रेरणा प्रेरणा कहने से, मुझे प्रेरणा मिलती है उससे,
लेकिन वो इन अफवाहों को लेकर, ख्यालों में डूब जाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।८।।
मेरा चांद मुझसे दूर है, लेकिन बहुत मजबूर है।
कष्ट उसे क्यों मिले, उसका क्या कसूर है।
लेकिन मेरा सब उसका है, उसका सब है मेरा,
इसलिए भागीदार दोनों हैं, वो यह बताती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।९।।
वो दूर बहुत मजबूर, कैसा ये अहसास है।
दूर भले ही है मगर, दिल में मेरे पास है।
कभी बेसुध होकर उसके, बारे में सोचता हूं मैं,
जिंदगी की खुशी, वो केवल मुझे बताती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१०।।
दुनिया चाहे जो कहे, उसे इसकी चिंता नहीं।
उसके लिए सिर्फ मैं हूं, मैं उसके बिना नहीं।
वो वादे इरादे वो रस्में वो कसमें याद हैं उसे,
इसके आधार पर ही वो मुझे, अपना प्यार बताती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।११।।
जो पल उसके साथ बीता, वो हर पल खास था।
अलग सा अहसास था, मैं जब उसके पास था।
कुछ घूमे कुछ खरीदा कुछ साथ-साथ खाया,
ऐसे सुख क्षणों की वो, कहानी सुनाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१२।।
कभी बहस, कभी अच्छी मीठी बात।
शर्माएं क्यों, जब दोनों होंगे जल्दी साथ।
यह हल्की मीठी तीखी, बातों का बुरा क्या मानें?
फिर भी वह अपनी आंखों से, अश्क बहाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१३।।
वो पढ़ना चाहती है लेकिन, समय है प्रतिकूल।
वजह केवल मैं हूं इसकी, मेरी ही है भूल।
वैसे खुद स्टूडेंट, मुझे सर भी कहती है कभी-कभी,
सीखने के लिए, केवल यह रिश्ता बताती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१४।।
उसकी हर इच्छा पूरी करूं, सातों जन्म की बात है।
अगर मैं बादल हूं तो, वो मेरी बरसात है।
उसके साथ हर पल अच्छा होगा, ऐसा लगता है मुझको,
इस जन्म की नहीं, सातों जन्म की बात रह जाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१५।।
जोड़ियां पहले से बनती है, ऐसा मानती है वो।
वो धार्मिक मैं तार्किक, मुझे अच्छे से जानती है वो।
उसकी हर रात मुश्किल से कटती है, ये पता है मुझको,
उसके बिना मेरी भी रात, ना चैन से कट पाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१६।।
उससे बात करूं मिलूं ,बहुत जी चाहता है।
उसे भी मेरे सिवा, ना कोई भाता है।
आंखों में आंसू हैं, इस दर्द का एहसास है उसे,
कुछ बातों को केवल, वो मुझसे ही कह पाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१७।।
वह जिंदगी है मेरी, बेइंतहा उससे प्यार है।
सीधा सच्चा निश्छल, मधुर सा व्यवहार है।
मैंने जांचा परखा है उसे, बहुत अच्छे से,
ढूंढने से भी वो, ना दोषी नजर आती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१८।।
कभी ख्वाब कल्पनाओं में, खो जाता हूं मैं।
इस बहाने, साथ उसके हो जाता हूं मैं।
इन ख्वाब कल्पनाओं में, कुछ तो बात है,
इनसे दुष्यन्त प्रेरणा की दूरी, बहुत कम हो जाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।१९।।
मेरे दिलो-दिमाग में केवल, प्रेरणा नाम है।
प्रेरणा सुन आज यह बड़ी बात है, कोई बात न आम है।
वो नाम है प्रेरणा, जो मुझे कुछ करने की प्रेरणा देता है,
इसलिए दुष्यन्त की प्रेरणा, दुष्यन्त के लिए प्रेरणा बन जाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।२०।।
हम साथ-साथ भी होंगे, आएगी बहार।
जिंदगी भर करेंगे, एक दूसरे से प्यार।
सुन मेरी “प्रेरणा सागर”, कहता “दुष्यन्त कुमार”,
कभी अलग नहीं होंगे हम, वो यह गीत गाती है।
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है।
प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है।।२१।।