Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2025 · 1 min read

मोदी योगी राज में (दोहे)

मोदी योगी राज में,जनता है खुशहाल।
गोरख धंधे बंद हैं,ठग सारे बदहाल।।

सत्य सनातन को मिली,एक नई पहचान।
राम भवन की नींव रख,काटे सब व्यवधान।।

भवन बनाने के लिए,दिए सभी ने प्राण।
योगी मोदी ने किया,राम भवन निर्माण।।

गुंडागर्दी है मिटी,बना नया कानून।
गुंडों के हाँथों नहीं,बहे किसी का खून।।

योगी के आवास पे,लगे रोज दरबार।
समाधान हर चीज का ,करे त्वरित सरकार।।

जनता दोनों का बहुत,करती है सम्मान।
मोदी की सरकार बस,बनीं रहे भगवान।।

योगी मोदी को सदा, देंगे अपना वोट।
गैर संगठन का हमें, नहीं चाहिए नोट।।

सोने की चिड़िया बने, फिर से अपना देश।
फूलों सा महके सदा,अपना यह परिवेश।।

मोदी योगी के लिए,दे सकते हैं जान।
दोनों भारत वीर हैं,सकल देश की शान।।

मोदी योगी पे हमें, बहुत अधिक अभिमान।
इनसे हम सबको मिली,एक नई पहचान।।

स्वरचित रचना-राम जी तिवारी”राम”
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

Language: Hindi
28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

स्मृति
स्मृति
Neeraj Kumar Agarwal
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
नेता
नेता
विशाल शुक्ल
उदास हूं मैं आज...?
उदास हूं मैं आज...?
Sonit Parjapati
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
*क्यों दिन बीता क्यों रात हुई, क्यों मावस पूरनमासी है (राधेश
*क्यों दिन बीता क्यों रात हुई, क्यों मावस पूरनमासी है (राधेश
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
दीपक श्रीवास्तव
प्यार का ऐसा सर संधान रे
प्यार का ऐसा सर संधान रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
..
..
*प्रणय प्रभात*
The Whispers Of Forgotten Libraries
The Whispers Of Forgotten Libraries
Veenasree Pradeepkumar
गुरु और शिष्य का रिस्ता
गुरु और शिष्य का रिस्ता
Diwakar Mahto
3279.*पूर्णिका*
3279.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्षणिका :  ऐश ट्रे
क्षणिका : ऐश ट्रे
sushil sarna
"आज तक"
Dr. Kishan tandon kranti
My love at first sight !!
My love at first sight !!
Rachana
लिखें जो खत तुझे कोई कभी भी तुम नहीं पढ़ते !
लिखें जो खत तुझे कोई कभी भी तुम नहीं पढ़ते !
DrLakshman Jha Parimal
राही
राही
Vivek saswat Shukla
हर बस्ती के राज छुपा कर रखे हैं
हर बस्ती के राज छुपा कर रखे हैं
दीपक बवेजा सरल
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
Rajesh Tiwari
तुम्हारी सोच है कि जैसा चाहो वैसा मै ढल जाऊ।
तुम्हारी सोच है कि जैसा चाहो वैसा मै ढल जाऊ।
अश्विनी (विप्र)
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Dr.Pratibha Prakash
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
Rj Anand Prajapati
एहसासे- नमी (कविता)
एहसासे- नमी (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
तू सोचती होगी कि------------
तू सोचती होगी कि------------
gurudeenverma198
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
पावस
पावस
लक्ष्मी सिंह
खिलौना बना आदमी देखिए
खिलौना बना आदमी देखिए
संजय निराला
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
विरक्ती
विरक्ती
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
Loading...