“वो गुजरा जमाना”
“वो गुजरा जमाना”
कहाँ खो गया वो बचपन सुहाना
वो बर्फ के गोले वो भुट्टे चबाना
कॉपी के पन्नों से जहाज उड़ाना
जरा छुपना-छुपाना वो हँसना-हँसाना
बड़ी कोशिश की कहीं लौट आए
लेकिन लौट न पाया वो गुजरा जमाना।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति