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31 Mar 2024 · 1 min read

लेखाबंदी

लेखाबन्दी
31 मार्च है यारो आज,
चलो करते हैं वार्षिक लेखाबन्दी।
किसको कितना दिया
धोखा,
किससे कितना मिला
धोखा?
कितने मण झूठ बोला साल में,
कितना चल गया
कितना पकड़ा गया,
किससे कितनी ईर्ष्या
की,
किसको कितना प्यार
दिया?
किससे कितना प्यार
मिला,
किसको कितना प्यार
चुकाना बाकी है,
किसका उधार रहा?
सब ब्याज सहित देना होगा…
जी यही दुनिया का दस्तूर है,
आओ पूछें ज़रा
अपने अन्तर्मन से,
वो तो रखता है हर
हिसाब,
उसी के पास है आपके
हर कर्म की किताब,
तो करें फुर्सत में बैठ कर
खुद से भी थोड़ा खुद का हिसाब क्योंकि
आज
वार्षिक लेखाबन्दी है।
दीपाली अमित कालरा
Copyright

Language: Hindi
65 Views
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