Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2023 · 1 min read

*आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम (कुंडलिया)*

आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम (कुंडलिया)
_________________________
आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम
भागीरथ को श्रेय यह, सौ-सौ उन्हें प्रणाम
सौ-सौ उन्हें प्रणाम, जटा में शिव ले आए
हुआ नियंत्रित वेग, देख प्राणी मुस्काए
कहते रवि कविराय, भाग्य से गंगा पाई
सदा-सदा वह पूज्य, स्वर्ग से जो है आई
_________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

117 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
Ranjeet kumar patre
पिता
पिता
Manu Vashistha
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नेताम आर सी
मुकाम
मुकाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Charlie Chaplin truly said:
Charlie Chaplin truly said:
Vansh Agarwal
विश्व हुआ है  राममय,  गूँज  सुनो  चहुँ ओर
विश्व हुआ है राममय, गूँज सुनो चहुँ ओर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
सबके राम
सबके राम
Sandeep Pande
😊संशोधित कविता😊
😊संशोधित कविता😊
*Author प्रणय प्रभात*
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
Shreedhar
It is necessary to explore to learn from experience😍
It is necessary to explore to learn from experience😍
Sakshi Tripathi
23/182.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/182.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पवनसुत
पवनसुत
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शबे- फित्ना
शबे- फित्ना
मनोज कुमार
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शांति के लिए अगर अन्तिम विकल्प झुकना
शांति के लिए अगर अन्तिम विकल्प झुकना
Paras Nath Jha
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
खुद में हैं सब अधूरे
खुद में हैं सब अधूरे
Dr fauzia Naseem shad
नन्ही परी
नन्ही परी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ख्वाबों ने अपना रास्ता बदल लिया है,
ख्वाबों ने अपना रास्ता बदल लिया है,
manjula chauhan
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
अगर जाना था उसको
अगर जाना था उसको
कवि दीपक बवेजा
चिन्ता और चिता मे अंतर
चिन्ता और चिता मे अंतर
Ram Krishan Rastogi
आइये तर्क पर विचार करते है
आइये तर्क पर विचार करते है
शेखर सिंह
"किरायेदार"
Dr. Kishan tandon kranti
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
💐प्रेम कौतुक-438💐
💐प्रेम कौतुक-438💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...