वीर सिपाही
वीर सिपाही
भूल बैठा वो प्रेम सम्बन्ध को,
बिसर गए सब तीज त्योहार।
याद रखता तो बस एक सौगन्ध,
केवल अपने देश का प्यार ।
छोड़े अपने रिश्ते-नाते,
छूटा अपना कुटुम्ब परिवार।
सीमा पर खड़े सीना ताने,
छोड़े अपना सुख संसार ।
धूप कड़के या बादल गरजे,
या आए आंधी तूफान।
डटे रहते हैं भूखे प्यासे,
दुश्मन का तोड़े दंभ अभिमान।
शिखर दुपहरी घोर अंधेरा,
कभी न करता वह विश्राम।
कभी खड़ा हिम खण्डों पर,
कभी-कभी जंगल वियावान।
मरुभूमि हो या नभ,जल-थल,
सब पर इनकी नजर समान।
अन्तिम सांस तक लड़ते-लड़ते,
कर देते सब कुछ कुर्वान ।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश