वक्त की दीवार
तुम्हें मेरे दिल की आवाज़
न जाने कब सुनाई देगी
तुम्हें मेरे दिल की बैचैनी
न जाने कब दिखाई देगी।।
आज तुम्हारे लिए है नहीं
मेरे आंसुओं की कोई कीमत
समझोगे तुम न जाने कब
तुम ही हो मेरे जीवन की ज़ीनत।।
फरियाद हर पल करता हूं
खुदा से तुम्हें पाने की मैं
तरस गया हूं सनम अब
तेरी एक झलक पाने को मैं।।
होगा हर पल मेरे सामने तू
न जाने कब आयेंगे वो पल
मेरा सर होगा तेरी गोद में जब
आज नहीं तो कल आयेंगे वो पल।।
जो आज सपना लग रहा है
कल वो हकीकत होगा
इसी उम्मीद में जी रहा हूं मैं
कल तू मेरा अपना होगा।।
तस्वीर तेरी देखकर कबतक
तेरा इंतज़ार करता रहूंगा मैं
ये बंधन तोड़कर आ जाओ अब
तेरे हिस्से के गम भी सहूंगा मैं।।
है हरे अभी भी ये दिल के ज़ख्म
केवल तुम ही भर पाओगे इन्हें
समझा करो,ऐसे नहीं सताते कभी,
अपनो को, प्यार करते हैं हम जिन्हें।।
मैं तो इन्तज़ार मैं बैठा हूं तेरे लेकिन,
वक्त ठहरता नहीं किसी के लिए
अब आ भी जाओ मिलने तुम
एक बार, अपने इस प्यार के लिए।।
जो बीत गया ये वक्त फिर
एक दीवार खड़ी कर देगा
मिल न पाएंगे चाहकर भी
हमेशा के लिए जुदा कर देगा।।