राजनीति में फंसा राम
राजनीति में फंसा राम
खुद नहीं फंसा है
भगवों द्वारा फंसाया गया है
गो कि
ईश्वरीय कहानियों में भी राम
मर चुका है मगर
जिन्दा है वह लोक आस्था में
मनुष्य के मनमाफिक फंसने के लिए
अयोध्या राम मंदिर में
प्राण प्रतिष्ठा पाई नई बनी राम मूर्ति ने
जबकि रामलला बिराजमान
जिस पुरानी मूर्ति को कहा गया
बिराजा गया नए बने मंदिर में कहीं
बिना शोर शराबे के
और सारा लाइमलाइट पा गया
नयका रामलला
उगते सूरज की पूजा बीच
पुरनका रामलला जैसे महत्व से
रीत बीत और अस्त हो गया
हुई जिस दिन प्राण प्रतिष्ठा राम का
मंदिर परिसर से आम प्रजा को रखा गया आउट
और राजा सरीखा खास प्रजा ही मात्र
निमंत्रण पा पाया आने का
निमंत्रण में भी दोष बड़ा
बुलाई गईं न देश की सबसे ऊंची ओहदादार हाकिम
राष्ट्रपति जो आदिवासी समाज की
भगवा सत्ता पक्ष ने जैसे वश में कर लिया राम को
और विपक्ष को करना पड़ा अपनी प्रतिष्ठा खातिर
प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार!
देखें कविता पाठको!
राम कब तक राजलोक में
दुहे जाने जोग धर्मयुग में
अपनी महिमा को कैसे बचा बनाए रखता है!