रंग उड़े गुलाल उड़े……
रंग उड़े गुलाल उड़े
फाल्गुन मे गुलशन खिले
धरा की छटा भी निखरे
मिटा वैमनस्य मन से
लग गले दिल से दिल खिले
करके होलिका का दहन
सत्य की जीत का उत्सव बने
प्रभु भक्ति एंव प्रेम रुपी रंग
मे रंग हर जीव रंगरसिया बने
सराबोर हो जीवन मे रंग भरे
हिंदी नव वर्ष का स्वागत
प्रकृति भी धूमधाम से करे
रंग बिरंगे फूलों से महकी
पृथ्वी की सुंदरता देख
हर जीव मंत्रमुग्ध रहे
स्फुर्ति एंव चेतना से भरपूर
संसार नए युग की ओर बढ़े
रंगों का ये उत्सव जड़ हो चुके
रिश्तों मे भी नए रंग भरे
रंग उड़े गुलाल उड़े
#अंजान भी #अंजान को
होली मुबारक कहे……………
#अंजान…..