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20 Nov 2023 · 1 min read

“ये मत भूलो”

ये दुनिया है
यहाँ सब कुछ बिकते हैं,
कुछ अदृश्य सा
तो कुछ बिकते दिखते हैं।

औरत भी बिकती है
बिकते मर्द भी,
खुशियाँ भी बिकती है
बिकते दर्द भी।

फर्क सिर्फ इतना है
औरत बिके तो
वो तवायफ़ कहलाती है,
अगर मर्द बिके तो
कहलाता है वो दूल्हा।

ऐ बिकने वाले मर्द
ये मत भूलो
हर घर है चूल्हा,
अपनी बेटी के लिए
कल तुम्हें भी
खरीदना ही पड़ेगा
कोई न कोई दूल्हा।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत के 100 महान व्यक्तित्व में शामिल
एक साधारण व्यक्ति

Language: Hindi
11 Likes · 5 Comments · 273 Views
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