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22 Feb 2024 · 1 min read

शब्दों के चरण में बच्चा

तुम शब्दों को जैसे पिरोगे पन्नों में ।
वो वैसा ही आकर बनते चलेंगे ।।

तुम लिखोगे उसे जब वो पुकारेंगे उसको ।
वो स्याही होगी उसी का दर्पण ।। तुम शब्दों………..

उनकी जुबा है खाली-खाली ।
तुम कैसे-कैसे शब्दों को भरोगे ।। तुम शब्दों………..

दादी की लोरी बुढ़ापे की कैसी ।
उनकी ही शिक्षा बनती रहेगी ।। तुम शब्दों………..

मां की ममता पिता है दर्पण ।
स्याही से शब्दों को है भिगोते ।। तुम शब्दों………..

घर की शिक्षा का मंदिर बना है उनका
वो शब्दों को ही खेल समझते।। तुम शब्दों………..

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