यारी
यारा तेरी यारी छुटी अब तुम मेरे पास नहीं
विरह वेदना की मेरी शायद तुझको अहसास नहीं
मालुम कहाँ अब तेरे बिना क्या हश्र मेरा होना है
शायद नसीब में मेरी जुदा होकर ही रोना है
भीड़ भरी इस दुनिया में भी तेरा साथ जो छुटा है
मन मेरा तड़पकर आज अनगिनत टुकड़ों में टुटा है
दुर जाने की खबर सुन तेरी दिल मेरा घबराया है
मन की बातों को मेरी कोई कहाँ समझ पाया है
टुटा मेरा दिल भी जबसे तेरी यारी टुटी
अश्क रुक नहीं रहे मेरे जबसे मेरी किस्मत फुटी
पता नहीं था इतना दर्द भी होगा तेरी जुदाई में
कैसे मैं अब रह पाऊंगा अकेला तनहाई में
यादें तेरी अब शायद ना कभी साथ मेरा छोड़ेगी
तेरी यादों में अकसर अब मेरी अँखियाँ रोएगी