एक नयी शुरुआत !!
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चलो आज एक नयी शुरुआत करते हैं,
किसी भाई बहिन को सीखाने के बजाय,
आज हम उनसे सीखते हैं,
उनके लिए लड़ने के बज़ाय,
उनके साथ आवाज़ उठाते हैं,
आओ आज़ सब मिलकर चलते हैं.
तेरा मेरा नहीं अब,
सब अपना कहते हैं,
आओ आज कुछ नया सीखते हैं,
आओ आज कुछ अलग सोचते हैं,
आओ एक नया पथ बनाते हैं,
आओ हम अपनी सोच से कांटे हटाते हैं.
आओ आज इंसान को इंसान की नज़र से देखते हैं,
हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई का नाम भूलते हैं,
आओ अंध आधुनिकता का तमगा फेंकते हैं,
आओ आज असली जीवन का विज्ञान सीखते हैं,
ऊंच नीच के चश्मे से परे देखते हैं,
आओ अपन सुपरिवर्तन की राह पकड़ते हैं,
आओ मिलकर सब सत्य को बुलंद करते हैं,
चलो हम नयी शुरुआत करते हैं.
इंसानियत की राह पकड़ते हैं,
जो पिछड़ गए उनको साथ लेते हैं,
जो छीन गया उस अधिकार को मांगते हैं,
जो नहीं मिला उसके लिए संघर्ष करते हैं,
न्याय का दरवाज़ा सबके लिए खोलते हैं,
सब मिलकर एक नया सपना बुनते हैं,
चलो आज ज़ीवन को नई दिशा देते हैं.
आओ आज़ादी के मायने बदलते हैं,
आओ शहीदों की निग़ाहों से देखते हैं,
चलो किसी मज़दूर का पसीना पोंछते हैं,
चलो किसान के सर पर छावं करते हैं,
आओ आज़ ख़ुदा की ख़ुदाई का मर्म समझते हैं,
चलो एक नयी शुरुआत करते हैं.
©️ रचना ‘मोहिनी’