Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2022 · 1 min read

याद आते हो

नज़्म- ” याद आते हो ”

तुम्हारे ग़म, उलझनें ज़िन्दगी की,
अपनी हंसी में छुपाते हो ।
बिछड़ कर आज भी रहनुमा,
तुम याद बहुत आते हो ।।

सहर की तरह रोशन हो,
क्यों अंधेरों से घबराते हो ।
नम आंखें ख़ुद यह कहती,
तुम याद बहुत आते हो ।।

महक़ हो,मुश्क़ ए गुलाब हो,
फ़िज़ाओं को तुम महकाते हो ।
रोम रोम कहता बदन का,
तुम याद बहुत आते हो ।।

शामें वीरान मेरी, तेरे बग़ैर,
क्यों ज़िन्दगी बियाबान बनाते हो ।
मेरे पंख, मेरी परवाज़ हो ,
तुम​ याद बहुत आते हो ।।

© डॉ वासिफ़ क़ाज़ी
काज़ीकीक़लम
28/3/2 ,इक़बाल कालोनी ,अहिल्या पल्टन ,इंदौर ,मध्यप्रदेश

2 Likes · 1 Comment · 443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Behaviour of your relatives..
Behaviour of your relatives..
Suryash Gupta
वृक्ष लगाओ,
वृक्ष लगाओ,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
शेखर सिंह
वक्त और रिश्ते
वक्त और रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बादल बनके अब आँसू आँखों से बरसते हैं ।
बादल बनके अब आँसू आँखों से बरसते हैं ।
Neelam Sharma
मानवता
मानवता
Rahul Singh
2927.*पूर्णिका*
2927.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माफ करना मैडम हमें,
माफ करना मैडम हमें,
Dr. Man Mohan Krishna
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
इश्क
इश्क
SUNIL kumar
शब्दों का गुल्लक
शब्दों का गुल्लक
Amit Pathak
प्रकाश एवं तिमिर
प्रकाश एवं तिमिर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मैं
मैं "आदित्य" सुबह की धूप लेकर चल रहा हूं।
Dr. ADITYA BHARTI
बदनाम गली थी
बदनाम गली थी
Anil chobisa
नेता जब से बोलने लगे सच
नेता जब से बोलने लगे सच
Dhirendra Singh
हर रोज़
हर रोज़
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविताः गणेश जी
बाल कविताः गणेश जी
Ravi Prakash
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – पंचवटी में प्रभु दर्शन – 04
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – पंचवटी में प्रभु दर्शन – 04
Sadhavi Sonarkar
दे ऐसी स्वर हमें मैया
दे ऐसी स्वर हमें मैया
Basant Bhagawan Roy
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
निज़ाम
निज़ाम
अखिलेश 'अखिल'
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
यादें मोहब्बत की
यादें मोहब्बत की
Mukesh Kumar Sonkar
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
Bikhari yado ke panno ki
Bikhari yado ke panno ki
Sakshi Tripathi
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
जिंदगी पेड़ जैसी है
जिंदगी पेड़ जैसी है
Surinder blackpen
कौन गया किसको पता ,
कौन गया किसको पता ,
sushil sarna
Loading...