यह जीवन अनमोल रे
व्यक्ति वही जो जीवन अपना सरलता के संग जीता है।
कठिनाई के घूँट को जो मन में साहस भर भर के पीता है।।
बहुत सरल है जीवन उसका दृढ़निश्चय से जो है भरा हुआ।
ख़ुद पर जो करता नहीं भरोसा उसका है जीवन जैसे मरा हुआ।।
जीना तो है एक कठिन कला हर व्यक्ति जो सीख नहीं पाता।
और जीना जिसने सीख लिया जीवन से वो हार नहीं पाता।।
जीवन का गहरा सागर तो सुख दुःख से देखो भरा पड़ा।
साहसी व्यक्ति इसे पार करे डरपोक किनारे रहा खड़ा।।
यह जीवन है अनमोल बहुत सत्कर्मों से यह मिलता है।
जो इसका मान नहीं करता उसे दोबारा नहीं मिलता है।।
कहे विजय बिजनौरी बंदे तू जीवन का कर ले मोल रे।
अच्छे कर्म इसे हैं महकाते और दुष्कर्म खोलेंगे तेरी पोल रे।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।