Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

यथार्थ से दूर का नाता

वह मुझसे घृणा रखते हुए
और, उसे जज्ब कर बाहरी तौर पर
प्यार का इजहार ऐसे करता है
जैसे कि मेरा मान भी उसने
अपनों में अटा रखा हो!
जैसे जातिमान पर रहता ही नहीं हो वह
कलुष बीच प्यार का पनपना सम्भव होता है
असंभव है मग़र प्यार में कलुष का पलना
कलुष और प्यार की
एक साथ चलने की प्रतीति का
यथार्थ से दूर का ही नाता होना चाहिए!

Language: Hindi
16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
*प्रणय प्रभात*
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Manisha Manjari
जिस के नज़र में पूरी दुनिया गलत है ?
जिस के नज़र में पूरी दुनिया गलत है ?
Sandeep Mishra
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
“ भयावह व्हाट्सप्प ”
“ भयावह व्हाट्सप्प ”
DrLakshman Jha Parimal
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
Anand Kumar
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
Ravi Prakash
यहाँ प्रयाग न गंगासागर,
यहाँ प्रयाग न गंगासागर,
Anil chobisa
घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
Ram Krishan Rastogi
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Harish Chandra Pande
शब्द मधुर उत्तम  वाणी
शब्द मधुर उत्तम वाणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"मत पूछिए"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी में पराया कोई नहीं होता,
जिंदगी में पराया कोई नहीं होता,
नेताम आर सी
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
मेरी पहली चाहत था तू
मेरी पहली चाहत था तू
Dr Manju Saini
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"सत्य अमर है"
Ekta chitrangini
प्रतिश्रुति
प्रतिश्रुति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पाने की आशा करना यह एक बात है
पाने की आशा करना यह एक बात है
Ragini Kumari
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पूर्वार्थ
जिन्दगी में
जिन्दगी में
लक्ष्मी सिंह
देखिए बिना करवाचौथ के
देखिए बिना करवाचौथ के
शेखर सिंह
मन्नतों के धागे होते है बेटे
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
gurudeenverma198
Loading...