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16 Apr 2023 · 1 min read

“मोमबत्ती”

“मोमबत्ती”
अपनी लौ में जलती है
हिलती है ना डुलती है
जीवन भर पिघलती है
प्रेम की डोर में
जिससे बन्धती है,
पाने के लिए उसको
बिना रुके जलती है।

9 Likes · 5 Comments · 238 Views
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