“मोटर चले रम पम पम”
डुग्गू भाई मोटर चले रम पम पम
मोटर पे जो बैठे नॉट गम गम
डुग्गू भाई मोटर चले रम पम पम।
डुग्गू बजाए डफली डम डम डम
खुशी दीदी नाची छम छम छम
डुग्गू भाई मोटर चले रम पम पम।
होठों पे हँसी छाई आँखें न हो नम
मोटर पे जो बैठे नॉट गम गम
डुग्गू भाई मोटर चले रम पम पम।
मेरी प्रथम प्रकाशित काव्य-कृति : ‘तस्वीर बदल रही है’ में संकलित बाल कविता की चन्द पंक्तियाँ।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति