Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2023 · 1 min read

भेदभाव का कोढ़

कलमकार ने जाति का,लिया दुशाला ओढ़ ।
इसीलिए बढ़ता गया, . भेदभाव का कोढ़ ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
23/152.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/152.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम ये कैसा मलाल कर बैठे
हम ये कैसा मलाल कर बैठे
Dr fauzia Naseem shad
अवसर
अवसर
Neeraj Agarwal
self doubt.
self doubt.
पूर्वार्थ
फर्क तो पड़ता है
फर्क तो पड़ता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रकृति के फितरत के संग चलो
प्रकृति के फितरत के संग चलो
Dr. Kishan Karigar
विचार
विचार
Godambari Negi
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
Ashish shukla
"ये दृश्य बदल जाएगा.."
MSW Sunil SainiCENA
पिता
पिता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*अज्ञानी की कलम  *शूल_पर_गीत*
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
"चक्र"
Dr. Kishan tandon kranti
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
Rj Anand Prajapati
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
आज परी की वहन पल्लवी,पिंकू के घर आई है
आज परी की वहन पल्लवी,पिंकू के घर आई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
दिल में कुण्ठित होती नारी
दिल में कुण्ठित होती नारी
Pratibha Pandey
संस्कार संस्कृति सभ्यता
संस्कार संस्कृति सभ्यता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
शेखर सिंह
जब कोई बात समझ में ना आए तो वक्त हालात पर ही छोड़ दो ,कुछ सम
जब कोई बात समझ में ना आए तो वक्त हालात पर ही छोड़ दो ,कुछ सम
Shashi kala vyas
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
धनवान -: माँ और मिट्टी
धनवान -: माँ और मिट्टी
Surya Barman
उम्र निकल रही है,
उम्र निकल रही है,
Ansh
चोला रंग बसंती
चोला रंग बसंती
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बंदर का खेल!
बंदर का खेल!
कविता झा ‘गीत’
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
Subhash Singhai
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
Loading...