Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 2 min read

भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग

भक्तमार्ग और ज्ञानमार्ग में सबसे बड़ा अंतर यह है कि ज्ञानमार्गी के लिए बुद्धि की आवश्यकता है और भक्तिमार्गी के लिए केवल अनुभव की क्योंकि उसके लिए सब कुछ ईश्वर ही करता है। किंतु समस्या यहाँ खड़ी होती है कि भक्तिमार्गी अच्छे हुए कार्य को ईश्वर से जोड़ देता है और बुरे कार्य को उसके कर्मों से अर्थात सोच से जोड़ देता है, किंतु यह समस्या नहीं बल्कि हल है, जिसका अर्थ है कि अगर व्यक्ति की सोच ईश्वर मार्गी या भक्तिमार्गी होती तो वह बुरे कार्य ही नहीं करता जिससे उसे बुरा परिणाम ना मिलता, उसने ईश्वर की भक्ति से हटकर जो कुछ कर्म किया वह लालच और स्वार्थ विषय से वशिभूत होकर किया, इसलिए उसे बुरा परिणाम मिला। अगर परम् भक्त को कोई दैहिक/दैविक/भौतिक बीमारी या ताप हो जाए तो उस अवस्था में भक्त कहता है कि यह उसके पूर्व जन्मों या प्रारब्ध में किए बुरे कर्मों का फल है जो इस जन्म में भोगकर मैं अपना प्रारब्ध समाप्त कर रहा हूँ। जबकि ज्ञानमार्गी प्रत्येक कार्य का एक भौतिक कारण तलाश करता है, जैसे कैंसर का कारण सिगरेट इत्यादि, भोजन का कारण किसान का अनाज, घर का कारण मिट्टी से बनी ईंट और पैसा, जन्म का कारण संभोग, बीमारी का कारण कोई बैक्टीरिया या वायरस, दिन रात का कारण पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना, सूर्य के ताप का कारण हीलियम हाइड्रोजन गैस, ब्रह्मांड का कारण बिग बैंग संकल्पना, पदार्थ का कारण अणु परमाणु, इनका कारण इलेक्ट्रान प्रोटोन न्यूट्रॉन, इनका कारण क्वांटम कण इत्यादि और जब कोई कारण नहीं मिलता तो संयोग। इस प्रकार ज्ञान मार्गी हर बार अपने प्रयोग से एक नया कारण तलाश कर ईश्वर को स्रष्टा होने के मार्ग से हटाता रहता है, किंतु भक्तिमार्गी हर कण में ईश्वर को स्थापित कर हर कार्य का कारण ही ईश्वर को बता कर निवृत्त हो जाता है क्योंकि ज्ञान का मूल कारण भी तो ईश्वर ही है। मगर ज्ञान मार्ग भौतिक जगत के लिए परम आवश्यक है जिस प्रकार अध्यात्म जगत के लिए भक्तमार्ग आवश्यक है क्योंकि ज्ञान मार्ग भी तो ईश्वर ने ही बनाया है मनुष्यों में बुद्धि देकर, जो अन्य जीवों में नहीं है। किंतु यह सत्य है कि बगैर बुद्धि के ना तो भक्ति हो सकती ना ज्ञान की बातें क्योंकि जानवर में विचारात्मक बुद्धि नहीं है इसलिए वो भक्ति नहीं करते बल्कि इंद्रिय जरूरतों से परिचालित होते हैं। व्यान मार्ग ईश्वर के संसार को इंसानों के रहने योग्य और सुविधायोग्य बनाता है।

प्रशांत सोलंकी

Language: Hindi
Tag: लेख
68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
Vishal babu (vishu)
मनुष्य तुम हर बार होगे
मनुष्य तुम हर बार होगे
Harish Chandra Pande
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
Basant Bhagawan Roy
अम्बेडकरवादी हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
अम्बेडकरवादी हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
प्यार का मौसम
प्यार का मौसम
Shekhar Chandra Mitra
राम आ गए
राम आ गए
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
** फितरत **
** फितरत **
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3225.*पूर्णिका*
3225.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
** पहचान से पहले **
** पहचान से पहले **
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-364💐
💐प्रेम कौतुक-364💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
AJAY AMITABH SUMAN
माँ शारदे
माँ शारदे
Bodhisatva kastooriya
अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
"तुम भी काश चले आते"
Dr. Kishan tandon kranti
आओ गुफ्तगू करे
आओ गुफ्तगू करे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
दोहा
दोहा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
❤बिना मतलब के जो बात करते है
❤बिना मतलब के जो बात करते है
Satyaveer vaishnav
"सपनों का सफर"
Pushpraj Anant
बम बम भोले
बम बम भोले
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*जादू – टोना : वैज्ञानिक समीकरण*
*जादू – टोना : वैज्ञानिक समीकरण*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझको बे'चैनियाँ जगा बैठी
मुझको बे'चैनियाँ जगा बैठी
Dr fauzia Naseem shad
कुछ लोग अच्छे होते है,
कुछ लोग अच्छे होते है,
Umender kumar
Loading...