मैं हूँ आज यहाँ दूर
मैं हूँ आज यहाँ दूर,
इस हालत में,
अपने परिवार से दूर।
अपने साथियों के साथ भी खामोश,
जैसे कि सभी से हो मेरी नाराजगी,
और जी रहा हूँ मैं यहाँ,
भीड़ में रहकर भी सबसे अलग,
इसलिए कि खत्म हो जाये,
मेरी मुसीबतें और गरीबी।
मगर मैं भी अटल हूँ,
अपने उसूलों पर,
यही कारण है कि,
मैं समझौता किसी से नहीं कर सका,
और करता आया हूँ अभी तक मैं,
काम जो मुझको पसंद आया।
मेरी इसी आदत से,
नाराज हैं मुझसे सभी,
हाँ, मैंने भी देखा है कि,
वो कहते क्या है ?
करते क्या है ?
और ये कुछ कारण है कि,
मैं हूँ आज यहाँ दूर ———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)