Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2018 · 1 min read

मेरी माँ

तुम्हारे सान्निध्य को तरसती ,बिलखती,
तुम्हारी ममता की छाँव में,
प्रेम से सिंचित पुष्प सी मैं,
आज अपनी क्यारियों में उलझी सी–
पर जानती हूँ…….
तुम हो तो मैं हूँ
तुमसे ही अस्तित्व है मेरा।।
गहन अंधियारी रात में,
तिमिर के संत्रास से व्यथित…..
दूर से टिमटिमाते तारे की रोशनी सी —
संबल देती मेरी माँ ।।
मुश्किलों के चक्रव्यूह में,
संसार के कुचक्र से व्यथित….
मीठी लोरियों की स्वरलहरी सी —
शक्ति देती मेरी माँ ।।
मेरे कण-कण में समाई ,
मेरे हर कर्म में परिलक्षित सी ,
थपकियों और हिदायतों के पुलिंदों के साथ…
हर कदम प्रज्ज्वलित करती मेरी माँ ।।

तिन्नी श्रीवास्तव,
बैंगलोर ।

9 Likes · 34 Comments · 702 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
Sanjay ' शून्य'
*** तस्वीर....!!! ***
*** तस्वीर....!!! ***
VEDANTA PATEL
Ab maine likhna band kar diya h,
Ab maine likhna band kar diya h,
Sakshi Tripathi
प्यार का पंचनामा
प्यार का पंचनामा
Dr Parveen Thakur
नींद आज नाराज हो गई,
नींद आज नाराज हो गई,
Vindhya Prakash Mishra
जैसी सोच,वैसा फल
जैसी सोच,वैसा फल
Paras Nath Jha
जय माँ जगदंबे 🙏
जय माँ जगदंबे 🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अबला नारी
अबला नारी
Neeraj Agarwal
थक गया दिल
थक गया दिल
Dr fauzia Naseem shad
किसी की सेवा या सहयोग
किसी की सेवा या सहयोग
*Author प्रणय प्रभात*
சூழ்நிலை சிந்தனை
சூழ்நிலை சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिंदगी
जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
*त्रिजटा (कुंडलिया)*
*त्रिजटा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शादी शुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
शादी शुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
मुर्दा समाज
मुर्दा समाज
Rekha Drolia
तुम मुझे देखकर मुस्कुराने लगे
तुम मुझे देखकर मुस्कुराने लगे
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
"नए पुराने नाम"
Dr. Kishan tandon kranti
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सुमति
सुमति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* बेटियां *
* बेटियां *
surenderpal vaidya
सनम
सनम
Satish Srijan
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
Rakesh Singh
2493.पूर्णिका
2493.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
-- मौत का मंजर --
-- मौत का मंजर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
I knew..
I knew..
Vandana maurya
नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
'अशांत' शेखर
Loading...