Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

“मेरी आवाज”

“मेरी आवाज”
दिन महीने साल गुजरे
पर मिला ना इंसाफ,
पीड़ित मानवता चीख रही
सुन लो मेरी आवाज।

1 Like · 1 Comment · 18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
कृष्णकांत गुर्जर
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
केशव
केशव
Dinesh Kumar Gangwar
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
अँधेरी गुफाओं में चलो, रौशनी की एक लकीर तो दिखी,
अँधेरी गुफाओं में चलो, रौशनी की एक लकीर तो दिखी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
खोटे सिक्कों के जोर से
खोटे सिक्कों के जोर से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आप नौसेखिए ही रहेंगे
आप नौसेखिए ही रहेंगे
Lakhan Yadav
There are few moments,
There are few moments,
Sakshi Tripathi
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
Sarfaraz Ahmed Aasee
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
2953.*पूर्णिका*
2953.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
Arvind trivedi
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
Neelam Sharma
*
*"राम नाम रूपी नवरत्न माला स्तुति"
Shashi kala vyas
बचपन के दिन
बचपन के दिन
Surinder blackpen
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
Ravi Prakash
शब्दों की रखवाली है
शब्दों की रखवाली है
Suryakant Dwivedi
सेवा में,,,
सेवा में,,,
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
//  जनक छन्द  //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गंगा दशहरा मां गंगा का प़काट्य दिवस
गंगा दशहरा मां गंगा का प़काट्य दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपनी गलती से कुछ नहीं सीखना
अपनी गलती से कुछ नहीं सीखना
Paras Nath Jha
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
रिश्ते बचाएं
रिश्ते बचाएं
Sonam Puneet Dubey
नवगीत - बुधनी
नवगीत - बुधनी
Mahendra Narayan
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
Loading...